दिल्ली के उपराज्यपाल को अरविन्द केजरीवाल का पत्र: शहीद पुलिसकर्मी जगबीर सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने के संबंध में.

दिनांक: 14.10.2014

सेवा में,

श्री नजीब जंग जी,

उप-राज्यपाल

दिल्ली

विषय- शहीद पुलिसकर्मी जगबीर सिंह के परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद देने के संबंध में।

महोदय,

आपको ज्ञात ही होगा कि दो दिन पहले विजय विहार थाना क्षेत्र में कुछ बदमाशों ने पुलिस कांस्टेबल जगबीर सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी। कांस्टेबल जगबीर सिंह आम जनता की रक्षा करते हुए और अपराधियों से लड़ते हुए शहीद हुए हैं। उनकी इस शहादत के बाद उनके परिवार की देखभाल करना सरकार का दायित्व है।

आपको याद होगा कि मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए दिल्ली पुलिस के जाबांज सिपाहियों के लिए एक योजना शुरू की थी। इसके तहत अपना फर्ज अदा करते हुए शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों के परिवार को एक करोड़ रुपये की तुरंत आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जानी थी। कुछ शहीद पुलिसकर्मियों के परिवारों को यह सहायता उपलब्ध भी कराई जा चुकी है।

आपसे अनुरोध है कि शहीद जगबीर सिंह के परिवार को भी इस योजना के तहत एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत उपलब्ध कराई जाए। साथ ही मेरा यह भी निवेदन है कि उनके परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाए और बच्चों की उचित देखभाल और पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था की जाए।   

इस हमले में बुरी तरह घायल कांस्टेबल नरेंद्र का अच्छा इलाज हो और उनके परिवार को आर्थिक मदद दी जाए- ऐसी मेरी प्रार्थना है।

इस पत्र के माध्यम से मैं आपका ध्यान उन परिस्थितियों की ओर भी दिलाना चाहता हूं जिनमें आज दिल्ली पुलिस के जवान काम कर रहे हैं। हम सब दिल्ली को विश्वस्तरीय शहर बनाने की बात करते हैं। मेरा यह मानना है कि दिल्ली पुलिस को विश्वस्तरीय बनाए बिना यह संभव नहीं है।

  • इसके लिए पुलिसकर्मियों के काम के अधिकतम घंटे सुनिश्चित करना और उसका पालन करना सबसे आवश्यक है। आज एक सिपाही कई बार तो 24-24 घंटे लगातार ड्यूटी पर रहता है।
  • दिल्ली पुलिस का कोई जवान अगर घायल होता है तो आज उसे ठीक से चिकित्सा सुविधा तक नहीं मिलती। पुलिसकर्मियों के लिए विशेष चिकित्सा योजना बनाए जाने की आवश्यकता है ताकि अपनी ड्यूटी निभाते हुए अगर कोई पुलिसकर्मी घायल होता है तो उसे तुरंत आधुनिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जा सके।
  • मैंने दिल्ली पुलिस के जवानों की कई कॉलोनियों का दौरा कर देखा है कि हमारे पुलिसवालों के घरों की हालत बहुत खराब है। इन घरों  की तुरंत मरम्मत करवाई जाए।
  • पुलिस कर्मियों के बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष सुविधा दिए जाने की आवश्यकता है।
  • अधिकतर थानों में स्टॉफ की संख्या बेहद कम है। जहां150 स्टॉफ की मंजूरी है वहां पर करीब 100 लोग ही तैनात हैं। हालांकि 150 की संख्या भी काम और जनसंख्या के हिसाब से बेहद कम है। उस पर मंजूरी की संख्या से कम होना, खुद पुलिस कार्य को निष्फल बनाना है।
  • एक सिपाही को फोन पर बहुत बात करनी होती है। उसे इसके लिए मोबाइल भत्ता नहीं दिया जाता, उसे मोबाइल भत्ता दिया जाना चाहिए।
  • मुझे आश्चर्य है कि चेन स्नेचर को पकड़ने के लिए दिल्ली पुलिस के नौजवानों से अपेक्षा की जाती है कि वह साइकिल से दौड़कर उन्हें पकड़ेंगे और इसके लिए एक कांस्टेबल को केवल75 रुपये प्रतिमाह का साइकिल भत्ता मिलता है। यह व्यवहारिक व्यवस्था नहीं है।
  • एक थाने में कुल-मिलाकर6-7 मोटरसाइकिलें होती हैं जबकि वहां पर 15-20 बीट कांस्टेबल होते हैं। और अधिकतर सिपाही अपनी मोटरसाइकिल पर बीट का काम देखते हैं, उसके पेट्रोल तक का पैसा उन्हें नहीं दिया जाता।

जब तक हम अपने पुलिसवालों को सुविधाएं और सम्मान नहीं देंगे, तब तक कैसे उम्मीद करेंगे कि वे लोगों अपेक्षा पर खरा उतरेंगे। जैसे ही हम पुलिसवालों को यह सुविधाएं और सम्मान देंगे, भ्रष्टाचार भी कम होगा और पुलिस में आमजन के प्रति संवेदनशीलता भी बढ़ेगी। अगर हम चाहते हैं कि पुलिस का सिपाही अपना काम मुस्तैदी से करे तो यह जरूरी हो जाता है कि हम उसमें आत्मविश्वास भी पैदा करें। मुझे लगता है कि काम के अधिकतम घंटे सुनिश्चित करने, बेहतर चिकित्सा सुविधा, शिक्षा एवं आवास की सुविधा उसके अंदर एक आत्मविश्वास पैदा करेगी। मुझे उम्मीद है कि पुलिसकर्मियों की उपरोक्त जरूरतों पर ध्यान देते हुए आप तुरंत कदम उठाएंगे।

मैं आपका आभारी रहूंगा

आपका

अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal’s Letter to Delhi LG regarding the ex-gratia support of Rs. 1 crore to the family of Martyr Delhi Police personnel Jagbir Singh (PDF copy)

Arvind Kejriwal reply to Mr Venkaiah Naidu on ‘Swacch Bharat Abhiyan’ invite

Letter No.: AAP/AK/2014/016

दिनांकः 30.09.2014

श्री एम. वेंकैया नायडु,

शहरी विकास, आवास और शहरी गरीबी उपशामन मंत्री,

भारत सरकार

महोदय,

आपका दिनांक 23 सितंबर, 2014 का लिखा पत्र मिला। आपने स्वच्छ भारत अभियान के लिए आम आदमी पार्टी का सहयोग मांगा है।

ऐसा कौन भारतीय होगा जो स्वच्छ भारत नहीं चाहेगा? हर आदमी चाहता है कि चारों तरफ सफाई हो। हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता समय-समय पर श्रमदान करते रहते हैं और झाड़ू लगाकर सफाई करते रहते हैं।

लेकिन पिछले कुछ दिनों से स्वच्छ भारत अभियान के बारे में कुछ खबरें पढ़ीं, उससे मन में कुछ प्रश्न खड़े होते हैं।

पिछले कुछ दिनों से अखबारों में खबरें छप रही हैं कि कुछ मंत्रीगण अखबारों में फोटो खिंचवाने के लिए झाड़ू लगा रहे हैं। उनके लिए सड़क पर जानबूझकर कूड़ा बिखेरा जाता है, पिफर वो झाड़ू लगाते हैं, उनकी फोटो खींची जाती है और अगले दिन फोटो अखबार में छपती है।

आप भी मानेंगे कि ऐसे तो भारत स्वच्छ नहीं होगा। सुन रहे हैं कि 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री जी दिल्ली के बाल्मिकी सदन में झाड़ू लगाएंगे। यह अच्छी बात है, पर यह तो प्रतीकात्मक ही है। ऐसे प्रतीकात्मक काम से लोगों को प्रेरणा तो मिल सकती है। पर केवल इतना ही करने से देश साफ नहीं होगा।

यदि हमें सचमुच भारत को स्वच्छ करना है तो हमें 2 अक्टूबर के कार्यक्रम के साथ-साथ निम्नलिखित कदम भी उठाने होंगेः-

  1. आप मानेंगे कि 2 अक्टूबर को सभी वी.आई.पी. लोग कुछ मिनट सफाई करके अपने-अपने घर चले जाएंगे। रोजमर्रा की सफाई तो अंततः सफाई कर्मचारियों को ही करनी है। आज इन सफाई कर्मचारियों की हालत बहुत खराब है। जैसे ज़्यादातर सफाई कर्मचारी ठेके पर काम कर रहे हैं। ठेकेदार इनका शोषण करता है। बिना वजह इन्हें कभी भी निकाल दिया जाता है। 30 साल नौकरी करने के बाद भी इन्हें पक्का नहीं किया जाता। हर 6 महीने बाद मस्टरोल में अपना नाम लिखवाने के लिए 10 से 15 हज़ार रुपये की रिश्वत देनी पड़ती है। ठेकेदार इनसे 10,000/- महीने की स्लिप पर साइन (हस्ताक्षर) करवाता है, असल में इन्हें महज़ 4,000/- ही देता है और बाकी पैसे ठेकेदार खुद रख लेता है। इन्हें कोई छुट्टी नहीं मिलती। इनमें से कई लोगों के पास रहने को मकान भी नहीं हैं। ये लोग बेचारे बेहद गरीब हैं। ऐसी ही इनकी ढेर सारी समस्याएं हैं। यदि हम वाकई स्वच्छ भारत चाहते हैं तो सबसे पहले हमें अपने सफाई कर्मचारियों को सम्मान देना होगा। इनकी समस्याओं का समाधान करना होगा। इन्हें ठेकेदार के चंगुल से निकालकर इनकी नौकरियों को पक्का करना होगा। इन्हें बेहतर तन्ख़्वाह देनी होगी। इन्हें काम करने के लिए बेहतर माहौल देना होगा। आपने भी झाड़ू उठाई, ये अच्छी बात है। हमने तो अपना चुनाव चिन्ह् ही झाड़ू रखा है। अब रोज़ाना झाड़ू लगाने वालों को सम्मान देना होगा। समाज का उनके प्रति रवैया भी बदलना होगा।
  2. आज 21वीं सदी में भी सीवर की सफाई अमानवीय तरीके से की जाती है। सीवर की मेन-हॉल में सफाई कर्मचारी घुसते हैं, उनकी त्वचा खराब हो जाती है। कुछ सफाई कर्मचारियों की तो सीवर की गैस से मौत भी हो गई है। यह अति दुर्भाग्यपूर्ण है। इनके इलाज के लिए सरकार की तरफ से कोई विशेष सुविधा नहीं है। यदि हमें भारत को वाकई स्वच्छ करना है तो इन अमानवीय तरीकों को बंद करके आधुनिक तकनीक को इस्तेमाल करना होगा। इन्हें सफाई करने के आधुनिक उपकरण देने होंगे।
  3. यदि हम अपने सफाई कर्मचारियों को कार्य करने के लिए अच्छा माहौल देते हैं, बेहतर सुविधाएं देते हैं और आधुनिक उपकरण देते हैं तो फिर हमें इनकी जवाबदेही तय करनी होगी। अच्छा काम करने वालों को ईनाम और काम न करने वालों को सज़ा।
  4. सफाई के नाम पर नगर निगमों में करोड़ों रुपये खर्च किये जाते हैं। इसमें काफी भ्रष्टाचार है। अगर हम स्वच्छ भारत चाहते हैं तो इस भ्रष्टाचार को ख़तम करना होगा।

भारत को स्वच्छ करने के लिए ऊपर लिखी बातों को लागू करना बहुत जरूरी है।

हम सभी लोगों से अपील कर रहे हैं कि स्वच्छ भारत अभियान में शामिल होकर 2 अक्टूबर को जरूर श्रमदान करें। केवल 2 अक्टूबर ही नहीं, बल्कि हमें उसके बाद भी समय-समय पर श्रमदान करते रहना चाहिए।

लेकिन हम आपसे उम्मीद करते हैं कि 2 अक्टूबर के बाद भी सफाई पर ध्यान दिया जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि 2 अक्टूबर के बाद यदि दिल्ली के लोग कहीं भी गंदगी होने की बात सूचित करेंगे तो दिल्ली नगर निगम उसे तुरंत साफ करेगा। आम आदमी पार्टी दिल्ली में सफाई अभियान 2 अक्टूबर के बाद भी जारी रखेगी।

 

आपका भवदीय,

अरविंद केजरीवाल
Arvind Kejriwal reply to Mr Venkaiah Naidu on ‘Swacch Bharat Abhiyan’ invite (English)
Mr. Venkaiah Naidu’s letter to AAP

Arvind Kejriwal’s letter to PM Narendra Modi

माननीय प्रधानमंत्री जी,

सरकार के 4 महीने पूरे हुए। लोगों में इन 4 महीनों की खूब चर्चा है। लोगों की भावनाओं को इस पत्र के जरिए मैं बयान कर रहा हूं।

लोगों का मानना है कि आप बहुत अच्छा बोलते हैं। बहुत अच्छे भाषण देते हैं। लेकिन आपकी पार्टी के नेता और मंत्री आपकी बातों के ठीक विपरीत काम कर रहे हैं। आप उस पर न कुछ कहते हैं और न ही कुछ करते हैं। इससे लोगों में असमंजस है।

जैसे अभी कुछ दिन पहले आपने कहा कि अगले 10 सालों तक देश में साम्प्रदायिकता की बातें नहीं होनी चाहिए। आपने कहा कि साम्प्रदायिकता से किसी का भला नहीं होता। लोगों को आपकी ये बातें बहुत अच्छी लगी। लेकिन लोग तब दंग रह गए जब आपके भाषण के कुछ दिन बाद ही आपकी पार्टी के सांसद योगी आदित्यनाथ ने धर्म के नाम पर ज़हरीले भाषण दिए। आपकी पार्टी के लोगों ने लव-जिहाद के नाम पर धर्मों के बीच ज़हर घोलना शुरू किया। लोगों को आश्चर्य हुआ कि आपकी पार्टी के लोग ही आपकी बातों को क्यों नहीं मान रहे? लोगों को उम्मीद थी कि आप योगी आदित्यनाथ को और अपनी पार्टी के अन्य लोगों को यह सब करने से रोकेंगे। लेकिन जब आप भी चुप रहें तो लोग असमंजस में पड़ गए।

आपने लोगों को भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना दिखाया। आपने यहां तक कहा- ‘‘न खाऊंगा, न खाने दूंगा।’’ सबको यह सुनकर बहुत अच्छा लगा। लोगों में विश्वास जगा कि अब भ्रष्टाचारियों को जेल होगी और ईमानदारों की कद्र होगी। लेकिन जब आप ही के स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन ने एक बेहद ईमानदार अफ़सर श्री संजीव चतुर्वेदी को अपने पद से हटा दिया तो लोगों को आश्चर्य हुआ। सारा देश जानता है कि किस तरह से संजीव चतुर्वेदी ने सरकार में रहते हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कई भ्रष्टाचारियों को जेल पहुंचाया। यहां तक कि स्वयं राष्ट्रपति और संसदीय समिति ने भी श्री संजीव चतुर्वेदी के काम को सराहा है। लोगों को तो उम्मीद थी कि ऐसे अफसरों को आप पद्म भूषण से सम्मानित करेंगे। उनके हटाए जाने का मीडिया और जनता ने कड़ा विरोध किया। लोगों को उम्मीद थी कि आप स्वयं इस मामले में हस्तक्षेप करेंगे और संजीव चतुर्वेदी को फिर से बहाल कराएंगे। लेकिन जब आप इस मामले में भी चुप रहे, तो लोगों को आश्चर्य हुआ।

अभी कुछ दिन पहले आपके ही गृहमंत्री ने नोटिफिकेशन जारी करके दिल्ली की एंटी करप्शन ब्रांच की शक्तियों को कम कर दिया और उसे नकारा बना दिया। यदि आप वाकई भ्रष्टाचार से लड़ना चाहते हैं तो आपको तो एंटी करप्शन ब्रांच को और सुविधाएं और पावर देनी चाहिए थीं और उसमें ईमानदार अफ़सरों की भर्ती करनी चाहिए थी। उसे
पंगु बनाकर तो आपके मंत्री भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रहे हैं। लोगों को उम्मीद थी कि चूंकि आपने देश से भ्रष्टाचार दूर करने का वादा किया था इसलिए आप राजनाथ सिंह जी को कहकर ये नोटिफिकेशन रद्द करवाएंगे। लेकिन इस पर भी आप चुप रहे।

अभी कुछ दिन पहले ऐसा सुनने में आया कि आपके एक मंत्री के बेटे ने दिल्ली पुलिस में ट्रांसफर करवाने के लिए कुछ लोगों से पैसे ले लिए। जब आपको पता चला तो आपने उन मंत्री जी और उनके बेटे को बुलाकर खूब डांटा। लोगों को यह बहुत अच्छा लगा। लेकिन आपसे विनम्र निवेदन है कि अगली बार किसी मंत्री का बेटा रिश्वत लेते हुए पाया जाता है, तो आप उसे डांटने के साथ-साथ पुलिस के हवाले भी कर दीजिएगा।

दिल्ली में आपकी पार्टी के उपाध्यक्ष कैमरे पर दूसरी पार्टी के विधायकों को खरीदते हुए नज़र आए। दिल्ली में आपकी पार्टी खुलेआम जोड़-तोड़ करके बेइमानी से सरकार बनाने की कोशिश कर रही है। लोग बेचैनी से इंतजार करते रहे कि आप अपनी पार्टी को गलत काम करने से रोकेंगे। लेकिन अब तक आप चुप हैं।

चुनाव के पहले आपने तत्कालीन यूपीए की सरकार को इस बात के लिए कई बार आड़े हाथों लिया था कि पाक सीमा पर हमारे सिपाहियों के सर कटने के बावजूद और चीन सीमा पर चीनियों के घुसपैठ करने के बावजूद डा. मनमोहन सिंह सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। जब आप अपने भाषणों में इस बात को उठाते थे तो लोगों में जज़्बा पैदा होता था और लोगों को अच्छा लगता था। लेकिन आपकी सरकार बनने के बाद भी चीन और पाक की घुसपैठ पहले की तरह लगातार जारी है। चुनाव के पहले आप इस मुद्दे को इतने ज़ोर-शोर से उठाते रहे। लेकिन अब आप भी कुछ ठोस नहीं कर पा रहे हैं?

अभी कुछ दिन पहले अंग्रेजी के एक बड़े अखबार में खबर छपी थी कि आपके कोयला मंत्री 9 प्राइवेट कंपनियों को 1500 रुपये प्रति टन के हिसाब से 25 सालों के लिए सरकारी कोयला बेचने का एग्रीमेंट कर रहे हैं। जबकि उस कोयले का बाज़ार भाव 4000 रुपये प्रति टन है। उस खबर के मुताबिक देश को इससे डेढ़ लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा। मतलब कि नई सरकार में भी घोटालों का सिलसिला चालू हो गया? डा. मनमोहन सिंह जी की ठीक नाक के नीचे घोटाले होते रहे और वे चुप रहे। आपसे विनम्र निवेदन है कि आप घोटालों में चुप मत रहियेगा। कृपया इस घोटाले को होने से पहले रोक दीजिएगा।

चुनाव के पहले आपने कहा था कि अच्छे दिन आने वाले हैं। पिछले 65 सालों से इस देश के लोग अच्छे दिनों का इंतजार कर रहे हैं। इस देश के लोगों को तो पता ही नहीं कि अच्छे दिन कैसे होते हैं? लेकिन फिलहाल तो महंगाई की वजह से लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है। जिस मिडिल क्लास और गरीब लोगों ने आपको वोट दिया, आज उनके लिए अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चे पालने मुश्किल हो गए हैं। आप तो अब सर्वशक्तिमान हैं। संसद में आपके पास पूर्ण बहुमत है। इसीलिए आपसे विनती है कि अच्छे दिनों के बिना तो फिर भी लोग रह लेंगे, फिलहाल तो महंगाई से किसी तरह लोगों को जल्द छुटकारा दिलवा दीजिए।

प्रधनमंत्री जी, आपको ऐतिहासिक मौका मिला है। लोगों को आपसे बहुत उम्मीदें हैं। उपचुनावों के नतीजे दिखाते हैं कि लोगों की उम्मीदें धीरे-धीरे टूट रहीं हैं।

धन्यवाद

अरविन्द केजरीवाल

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